Saturday, 9 November 2024

Raaton ki khamoshi

 अक्सर रातों में, तन्हा हो जाता हूं,

अकेलेपन के साए में, मैं खो जाता हूं।

सन्नाटे की चादर ओढ़े, ये रातें चलती हैं,

और दिल की बातें, खामोशी में ढलती हैं।


चांदनी भी देखती, चुपके से मुझे,

सवाल करती, पर जवाब कहां दूं उसे।

सितारे भी पलकों पर, आंसू से चमकते हैं,

ख्वाब अधूरे, मेरी सांसों में बसते हैं।


यादों का समुंदर, लहरें उछालता है,

दिल के अंदर, एक तूफान पालता है।

पर हर सुबह, एक उम्मीद लाता है,

कि शायद कोई, इस तन्हाई को मिटाता है।

Gautam Raj

Friday, 17 February 2017

मेरी आखरी दुआ

खुवाबो को हकीकत बना न सका मे
सारे अरमान बिखरते चले गए और मे टूटता..

आँसू भी शुख चुकी थी इन पलकों पे
शायद अब न कोई उमीद थी ..

चलते वक़्त को रोक सकता मे
बिखरते उमीदो संझो सकता मे ..

अब  तो इस धड़कनो का भी भरोसा नही
कब साथ छोर जाये ..

तेरे जाने से पहले मेरी आखरी दुआ
मेरी मौत काबुल हो जाये..
                                        :-Gautam raj

Tuesday, 23 August 2016

ख़ुदा की इबादत

    तेरे आँखों का ये तसब्बुर
       तेरे मुस्कुराती लव
    जैसे ख़ुदा की इबादत हो,
         तेरे बिखरे जुल्फे
       तेरे मध् मस्त आदयें
जैसे मेरे ज़िन्दगी मे कोई भरता रंग हो,
     कौन कहता है ख़ुदा नही है
तुझे महसूस कर उसे भी पा लिया 

Sunday, 21 August 2016

यादें

आइनो मे भी देखने लगे अब तस्वीर तुम्हारी
हवाओं मे भी तुम्हे महसूस करता हु..

बारिश की बूंदो मे याद तुम्हारे आती है ...

जब भी मुश्किलों मे  या तनहा होता हु
कभी आइना , कभी बारिश तो कभी
हवा बनकर आ जाते हो ....

शायद मुझे से ज्यादा तुम मुझे समझ ते हो..

Monday, 14 March 2016

मंज़िल

 तनहा अकेले बैठ कर सोचता हु बस यही
   कैसे सुलझेगी ये ज़िंदगी की उलझन

     "चले थे हम साथ इस सफर मे,
 पता नही कब साथ छूट गया तुम्हारा
         तुम तो दूर निकल गए
    मे अब भी इंतज़ार कर रहा हु
         उसी मोर पे तुम्हारा "

    सुना है वक़्त इंसान बदल देता है
       आज पहली बार देख रहा हु
         तूने वक़्त ही बदल दिए

   "  मंज़िल की तलाश तुम्हे भी है
      मंज़िल की तलाश मुझे भी है
            बस फर्क़ इतना है
      तुम्हारी मंज़िल कही और है
        मेरी मंज़िल बस  तुम "

 तनहयो से लड़ना आता है और वक़्त भी बदलना
    आज मे मजबूर हू कल वक़्त होगा
       सायद यही मुकदार है पर
        ये मत समझ लेना

  " मंज़िल ना मिले तो टूट जाऊग मे
        अपनी किस्मत ना सही
    तुम्हारी किस्मत बदल जाऊगा मे
  मंज़िल पा कर भी खुश ना रह पाओगे
दिल की किसे कोने मे ज़िंदा रह जाऊगा मे "
                                                                :- Gautam raj

Sunday, 6 March 2016

फर्यादे इश्क़

     फर्यादे इश्क़ भी किया अजीब है
सर सजदे मे झुका और दिल मे मोहबत
      फिर भी दुआ काबुल नही होती

    शायद इश्क़ की यही दस्तूर है
        तुम्हे पा ने की चाहत मे
हमेसा क़तल हमारी मोहबत का ही होता है

"एक बार फिर से देख कर आज़ाद कर दे मुझे
  मैं आज भी तेरी पहली नज़र मैं कैद हूँ "

            मैं ये नही कहता
         तुम हमारे हो जाओ
       बस इतनी इज़ाजत दे
तुम्हे अपनी नज़रो मे भर ता उम्र ज़ी सकु


      "जरुरी नही हर इश्क़ मुकमल हो जाये
   जरुरी ये भी नही हर इबादत काबुल हो जाये
जरुरी तो बस इतना है फ़ासले कितना भी हो एहसास काम न हो जाये "

       तुम्हारे यादें काफ़ी है
  हमारी दिल की धड़कन के लिए
  बस इतना सा हक़ मुझे दे दो
दूर जाने से पहले एक बार अपना तो कह दो
                                                                                     :- Gautam Raj

Wednesday, 16 December 2015

KALA BADAL

    कैसा है ये रंग तेरा ,
सब कहते है काला बदल
         नाम तेरा।

  जब भी आती बारिश लाती ,
अपनी सहेली बिजली रानी को
      भी साथ मे लाती ।

  किया आसमान मे अपने
   सहेली से ठिठोली करते ,
 जोर जोर से आवाज़े आती,
 संग मे अपने हवाये लाती ।

 फिर क्यू अचानक चुप हो जाते ,
अपने सहेली से लड़ाने लग जाती ,
फिर बिजली रानी को गुस्सा आता,
   और तुम रोने लग जाती।

   कैसा है ये रंग तेरा ,
सब कहते है काला बदल
         नाम तेरा।
जब भी आते बारिश लाती ...

                                                                                       :-   Gautam raj