Tuesday, 23 August 2016

ख़ुदा की इबादत

    तेरे आँखों का ये तसब्बुर
       तेरे मुस्कुराती लव
    जैसे ख़ुदा की इबादत हो,
         तेरे बिखरे जुल्फे
       तेरे मध् मस्त आदयें
जैसे मेरे ज़िन्दगी मे कोई भरता रंग हो,
     कौन कहता है ख़ुदा नही है
तुझे महसूस कर उसे भी पा लिया 

No comments:

Post a Comment