फर्यादे इश्क़ भी किया अजीब है
सर सजदे मे झुका और दिल मे मोहबत
फिर भी दुआ काबुल नही होती
शायद इश्क़ की यही दस्तूर है
तुम्हे पा ने की चाहत मे
हमेसा क़तल हमारी मोहबत का ही होता है
"एक बार फिर से देख कर आज़ाद कर दे मुझे
मैं आज भी तेरी पहली नज़र मैं कैद हूँ "
मैं ये नही कहता
तुम हमारे हो जाओ
बस इतनी इज़ाजत दे
तुम्हे अपनी नज़रो मे भर ता उम्र ज़ी सकु
"जरुरी नही हर इश्क़ मुकमल हो जाये
जरुरी ये भी नही हर इबादत काबुल हो जाये
जरुरी तो बस इतना है फ़ासले कितना भी हो एहसास काम न हो जाये "
तुम्हारे यादें काफ़ी है
हमारी दिल की धड़कन के लिए
बस इतना सा हक़ मुझे दे दो
दूर जाने से पहले एक बार अपना तो कह दो
:- Gautam Raj
सर सजदे मे झुका और दिल मे मोहबत
फिर भी दुआ काबुल नही होती
शायद इश्क़ की यही दस्तूर है
तुम्हे पा ने की चाहत मे
हमेसा क़तल हमारी मोहबत का ही होता है
"एक बार फिर से देख कर आज़ाद कर दे मुझे
मैं आज भी तेरी पहली नज़र मैं कैद हूँ "
मैं ये नही कहता
तुम हमारे हो जाओ
बस इतनी इज़ाजत दे
तुम्हे अपनी नज़रो मे भर ता उम्र ज़ी सकु
"जरुरी नही हर इश्क़ मुकमल हो जाये
जरुरी ये भी नही हर इबादत काबुल हो जाये
जरुरी तो बस इतना है फ़ासले कितना भी हो एहसास काम न हो जाये "
तुम्हारे यादें काफ़ी है
हमारी दिल की धड़कन के लिए
बस इतना सा हक़ मुझे दे दो
दूर जाने से पहले एक बार अपना तो कह दो
:- Gautam Raj
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