मैं खुश था , हैरान था , परेशान था
मेरी ज़िंदगी मैं आये वो इस तरह
अब तो पूरी दुनिया मेरी थी !
जब से पहली नज़र पारी थी उनपे
मैं दीवाना हो गया था !
बैचैनी का आलम इतना बढ़ गया था
अब तो मैं पागल भी हो रहा था !
उन्हें तो एहसास भी नही था
वो किया कर गुजरे थे इस नादान
दिल पे , उनके जुल्फों की वो
बलखाती मस्तिया , उनके आवाज़
की वो मधुर स्वर जिसे सुन मैं
मंत्रमुग्ध हो जाया करता था .
हमें तो होश भी नही था
इतना खो चुके थे उनमे ,
इस बंजर ज़मीं पर कितने फूल
खिल चुके थे, हमें तो खुद पे
इतना गुमान था वो हमारी है !
सारे भ्रम टूटे , मैं होश मे आया
सारी दुनिया तो एक छलावा है
मैं कल भी सैकड़ो की भीड़ मे
खरा था , मै आज भी सैकड़ो की
भीड़ मे खरा हूँ !
:- Gautam Raj
कल से एक नयी कहानी मेरी जुबानी ( दिल से दिल तक )
यह मेरा पहला ब्लॉग है अगर कोई त्रुटि हो तो आप अपना सुझाओ दे
मेरी ज़िंदगी मैं आये वो इस तरह
अब तो पूरी दुनिया मेरी थी !
जब से पहली नज़र पारी थी उनपे
मैं दीवाना हो गया था !
बैचैनी का आलम इतना बढ़ गया था
अब तो मैं पागल भी हो रहा था !
उन्हें तो एहसास भी नही था
वो किया कर गुजरे थे इस नादान
दिल पे , उनके जुल्फों की वो
बलखाती मस्तिया , उनके आवाज़
की वो मधुर स्वर जिसे सुन मैं
मंत्रमुग्ध हो जाया करता था .
हमें तो होश भी नही था
इतना खो चुके थे उनमे ,
इस बंजर ज़मीं पर कितने फूल
खिल चुके थे, हमें तो खुद पे
इतना गुमान था वो हमारी है !
सारे भ्रम टूटे , मैं होश मे आया
सारी दुनिया तो एक छलावा है
मैं कल भी सैकड़ो की भीड़ मे
खरा था , मै आज भी सैकड़ो की
भीड़ मे खरा हूँ !
:- Gautam Raj
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