मैं आज भी आँखे बंद करता हुँ तो यादें ताज़ा हो जाते है ! मैं आज भी उसे मेहसूस कर सकता हुँ !
" ऐे मरहवा क्यों तेरी तस्वीर आज भी मेरे आँखो मे है ,
तू है भी या नहीं
पर तेरी सादगी आज भी है,
मैं कल भी तुम्हे महसूस कर सकता था
और आज भी कर रहा हूँ ! "
आगे की कहानी next ब्लॉग ......
" ऐे मरहवा क्यों तेरी तस्वीर आज भी मेरे आँखो मे है ,
तू है भी या नहीं
पर तेरी सादगी आज भी है,
मैं कल भी तुम्हे महसूस कर सकता था
और आज भी कर रहा हूँ ! "
यादें हमेशा अच्छे होते है , जिसे ना कोई तोड सकता है, ना कोई वापस मांग सकता है !
मैं तो आज भी खुली आँखो से सपने देख़ सकता हूँ !
" आप अपने दिल से बाहर कर सकते हो , अपने यादो से कैसे बाहर करोगे
आप हमारे रूह मे हो , मेरे हर साँस मे हो ,
ख़ुदा करे आप भी महसूस कर सकों ! "
मेरे दोस्त अभी तो कहानी शुरू हुई है , एक मस्त मौला लड़का और एक हसीन सपनो से
बाहर निकले मैरी ज़िंदगी !
जिसके लिए मे कुछ भी कर सकता था , रोज सुबह 5 किलोमीटर साइकिल चलाया करता था
बस एक दीदार के लिए ,एक नज़र पर जाये मुझ पे , कल फिर से जा सकु मिलने !
एक सकून था , एक इबादत थी , आवारापन था , जीने का एक वजह थी! उसे देख़ ते ही
सब कुछ भूल जाता था ,बस उसे ही देख़ता रहउ!
"ऐे ख़ुदा किया सोच कर तूने उसे बनाया है
खूबसूरत वो है या मेरी ज़िंदगी,
इतना तो बता दे मुझे,
तेरी रहम उस पे है ज़ी मे क्यों रहा हूँ !"
:- Gautam Raj
"ऐे ख़ुदा किया सोच कर तूने उसे बनाया है
खूबसूरत वो है या मेरी ज़िंदगी,
इतना तो बता दे मुझे,
तेरी रहम उस पे है ज़ी मे क्यों रहा हूँ !"
:- Gautam Raj
(अगर कोई त्रुटि हो तो आप अपना सुझाओ दे)
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